गूगल के question hub से प्राप्त प्रश्नों के उत्तरों को हम यहाँ यथा प्रयास लघु और विस्तार सहित दे रहे है आशा है आप को भी ये जानकारी अच्छी लगेगी.
Q 1- 27 11 2020 को सुबह 11 को जन्म बच्चे की राशि
Ans – Ashvini Nakshr -3 charan, Namakshar -cho चो
Mesh rashi , swami Mangal
Q2- I want boy baby name in Karka Rashi ashlesha nakshatraजवाब दें
Ans- डी ,डू, डे डो
नाम- डेविड, दौलतराम,दिनमान, दिनकर , दिवस, द्रोण,दिलबर, दानवीर
Q3-chandragupta maurya ki rashi kya hai in hindi me
Ans- inki kundali uplabdh nahi hai.
Q4 अंक ज्योतिष के अनुसार जिनकी जन्म तिथि 8 तारीख है क्या उनको काले कपड़े नही पहनने चाहिए?
ans – किसी भी कपड़े के रंग का ज्योतिष या तारिख से कोई सम्बन्ध नहीं होता है.
Q5मिथुन राशि के लोग किस गांव या नगर में ज्योतिष के अनुसार निवास करना चाहिए
Ans – मिथुन राशी वालो को जहा आप वर्तमान समय में स्थित हो उससे पश्चिम दिशा में निवास करना चाहिए क्योंकि मिथुन राशी पश्चिम दिशा को इंगित करती है.
Q 6 बहुरुपिया ज्योतिष कलाप्रवीण व्यक्ति चालबाज kaun alag hai
ans – बहुरुपिया सिर्फ अपनी कला को दिखा कर अपना जीवन यापन करता है इसमें चाहे नाट्य मंच के कलाकार हो, चाहे फ़िल्मी कला कार हो या सड़क पर विभिन्न रूप बदल कर अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले कला कार हो सभी आ जाते है दूसरी और रही बात ज्योतिषी की तो वह एक विद्या है कोई कला कारी नहीं इसका इसका सडको मंचो, या फिल्मो में प्रदर्शन नहीं किया जाता है. इसको बाकायदा आजकल ज्योतिष संस्थाओ से सीखना पड़ता है. कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाय इसके लिए डिग्री कोर्सेस जारी करती है. हांलाकि फ़िल्मी कला कार भी व् अन्य कला कार भी डिग्रीया प्राप्त करते है.
लेकिन ज्योतिष हो या कलाकार इन विद्याओं को को निम्नस्तरीय लोगो ने सड़क छाप बना किया है इसकारण इन विद्याओ पर किसी का विश्वास नहीं रहा है. केवल मनोरंजनार्थ ही इन्हें लक्षित करते है.
Q 7क्या ईसाई धर्म में ज्योतिष होती है?
ans- इसाई धर्म में भी ज्योतिष होती है , इसके लिए विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष विभूति नास्त्रेदमस का नाम काफी लोकप्रिय है. ज्योतिष का प्रादुर्भाव योरोप में पहले रोम साम्राज्य में हुआ था रोम साम्राज्य के अंतर्गत ही अरब देश शासित होते थे जिस कारण वहां भी ज्योतिष का प्रचार हुआ. इसका उदाहरण है दोनों के कैलेंडर में बहुत हद तक समानता का होना.
Q8 1 ज्योतिष नास्त्रेदमस के बारे में बताये जिसने कई अद्भुत भविष्य के बारे में भविष्यवाणी किया थाजवाब दें

ans नास्त्रेदमस 16 वी शताब्दी में फ़्रांस के एक भविष्य वक्ता हुए है . जिन्होंने अनेक सफल भविष्यवाणी की है. ये न केवल ज्योतिष थे बल्कि डाक्टर और वैज्ञानिक भी थे.
जिन विषयों में नास्त्रेदमस ने भविष्य वाणिया की थी उनकी उन भविष्यवाणियो को लोगो ने गलत अनुवाद करके व् अपनी और से भी शब्दों को मिला कर भी गलत रूप में प्रस्तुत किया है. लेकिन फिर भी इन की कुछ भविष्य वानिया बहुत लोक प्रिय हुई है.
नास्त्रेदमस का जन्म फ़्रांस के एक छोटे से गाव सेंत रेमी में 14 सितम्बर 1503 को हुआ था . इन्होने भविष्य में होने वाली घटनाओ का वर्णन अपनी भविषय वाणियो कई सौ वर्ष पूर्व ही कर दिया था.
इनको लेटिन यूनानी हिब्रू भाषो के अलावा ज्योतिष में भी विशेष महारत हासिल थी ज्योतिष में इन्हें किशोरावस्था में ही विशेष रूचि हो गई थी तब ही से ये भविषय वाणिया करने लगे थे. तत्कालीन इसाई धर्म के कट्टर पंथी लोग ज्योतिष विद्या को अच्छी नजर से नहीं देखते थे. ज्योतिष से उनका ध्यान हटाने के लिए माता पिता ने उन्हें डॉक्टर बनने के लिए मन्त्पोलिअर भेज दिया.
23 अक्टूबर 1529 को यहाँ से डॉक्टर बनने के बाद इन्होने पहली पत्नी के मरने के बाद 1547 में दूसरी शादी की और यूरोप जाकर ज्योतिष में खूब नाम कमाया.एक किन्वदंती में अनुसार ये एक बार बाजार में अपने एक मित्र के साथ घूम रहे थे बीच रह में एक युवक को इन्होने उसका sir झुका कर अभिवादन किया और उसके पूछने पर बताया की तुम आगे चलकर पोप का आसान ग्रहण करोगे. जो की सत्य भविष्य वाणी सिद्ध हुई थी.
नास्त्रेदमस की ख्याती को सुन कर फ़्रांस की महारानी ने इन्हें अपने बच्चो के भविष्य को जाने के लिए बुलावा भेजा था. पूर्वानुमान से ये जान चुके थे की महारानी के दोनो बच्चे अल्पायु है लेकिन ये बात इन्होने छन्दो में डर के कारन प्रकट की ताकि बात भी कह दि जाए और पुर्व्नुमान भी सही हो जाए. बस तभी से ये अपनी बातोको छन्दो में प्रकट करने लगे.
पूर्ण रूप से ज्योतिषी बनने के लिए इन्होने 1550 में चिकित्सक पेशे को छोड़ दिया. ओर अपना पूरा ध्यान ज्योतिष पर लगा दिया. इसी वर्ष इन्होने अपना एक पंचांग भी निकला था उसमे ग्रहो की स्थिति , फसलो और मोसमो में बारे में पूर्वानुमान होते थे.जोकि ज्यादातर सही सिद्ध होते थे.
1555 मे इनहोने अपने जयोतिश ग्रन्थ centuri का पहला भाग पूरा किया . जोकि जर्मन फ्रेंच,इतालवी ,इंग्लिश ,रोमन व् ग्रीक भाषो में छपी थी. उस समाए के फ़्रांस में ये किताब बेहद प्रसिद्ध हुई थी.इसके कई संस्करण हाथो हाथ बिक गए थे.
इसमें लिखित छन्दो के व्यखायाकारो मानना है की प्रथम विश्वयुद्ध,नेपोलियन केनेडी और हिटलर से सम्बन्धित घटनाए इसमें लिखी हुई है. व्याख्य कारो इसके आधार पर तीसरी विश्वयुद्ध के अनुमान का भी दावा किया है.
नास्त्रेदमस के अंतिम वर्ष भुत कष्ट पूर्ण रहे थे. फ़्रांस के कानों के अनुसार वे ज्योतिष नहीं बल्कि लोगो पर जादू टोने कर रहे थे.लेकिंग ये आरोप सिद्ध होने से उनके एक ज्योतिषी होने को मान्यता प्राप्त हुई थी
अंतिम समाए में जलोदर रोग के कारण इन्हें एक फोड़ा हुआ इस कारण इन्हें अपने मृतु का पूर्वाभास हो गया था. इन्होने मृत्यु पूर्व अपनी वसीयत लिखवाई फिर एक पादरी को बुलाकर उसे अपने अंतिम संस्कार के निर्देश किये. 2 जुलाई 1566 को इनकी मृत्यु हो गई.
कहा जाता है की इन्होने अपने अंतिम समय की भविष्य वाणी पहले ही कर दी थी.
एक व्याख्य के अनुसार इन्होने अपने सम्बन्ध में कुछ भविष्य वानिया कर रखी है उनके अनुसार कुछ विरोधी तत्व उनकी मृत्यु के 225 वर्षो के बाद मेरी कब्र खोदेंगे और मेरे अवशेषों को निकलने की कोशिश करेगे लेकिन उनकी तत्काल मृत्यु हो जाएगी.जो की सच हुआ. 1791 में फ़्रांस की क्रांतिके बाद तीन लोगो ने इनकी कब्र को खोदा था इसके बाद उनकी मृत्यु हो गई थी .