ऐ
सी बड़ी
बेटी
चिंता छाने लगी
माँ की आँखों में
झोंपड़ीनुमा घर में
बीड़ी मुँह में दबाए/फिक्र में
खोया जाता है बाप।
जैसे बेटी बाढ़ हो गई हो
चढ़ी हुई नदी के साथ
माँ-बाप उसके उतरने का
इंतजार करने लगे हैं,
बेटी के दिल में
बढ़ने लगा है
उमंगों का मौसम,
सपनों का मौसम
जो बढ़ता ही जाता है,
अब आएगा मौसम नया
बेटी सजे हुए कदमों के साथ
किसी और की देेहरी
पार कर जाएगी
और माँ-बाप की
आँखों के आगे का धुंध
खत्म हो जाएगा।
शादी
Page Visited: 241