एस्ट्रोलॉजी में युद्ध समय संस्कार क्या होता है, यानी युद्ध काल में समयांतर करना.
सन 1941 से 1945 के दौरान भारत में सौर प्रकाश के लाभ प्राप्ति हेतू घड़ी को एक घण्टा आगे कर दिया गया था। उदाहरणार्थ – प्रातः 9.00 बजे को 10 बजे और 11.00 बजे को 12.00 इत्यादि। इन वर्षों के दौरान जन्मे जातकों के जन्म समय का ठीक प्रकार से निरीक्षण कर लेना चाहिए। अधिकांश जन्म कुण्डलियों में जन्म समय घटी पल में दिया रहता है। जिसका युद्ध काल में कोई हस्तक्षेप नहीं है। जन्म समय यदि घड़ी के समयानुसार दिया गया हो तो विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। तब भी रूलिंग प्लेनेट की सहायता से गौचर के दौरान ग्रहों का और लग्न का निर्धारण करना चाहिए।