
मीन राशि का काल पुरुष के दोनों पैरो में इसका स्थान माना जाता है। मुंह और पूँछ से जुडी दो मछलियों की आकृति के सामान इसका स्वरुप होता है।
ये एक स्त्री जाति , कफ प्रकृति द्विस्वभाव,जल तत्व विप्र वर्ण, रात्रिबली पिंगल वर्ण , और उत्तरदिशा की स्वामिनी होती है। परोपकार दयालुता एवं दानशीलता इस राशि के विशेष गुण होते है इस राशि से पैरो का विचार किया जाता है ।
ज्योतिषी चक्र की अंतिम बारहवीं राशि मीन राशि है, और गुरु ग्रह की दूसरी राशि है । ज्योतिष चाकर में 330 से 360 डिग्री के मध्य इसका स्थान होता है। मीन राशि के अंतिम बिंदु और मेष राशि के आरम्भ बिंदु पर सूर्य ठीक भूमध्य रखा पर होता है।
मीन राशि का स्वामी बृहस्पति ग्रह होता है। इस राशि में शुक्र उच्च स्थिति में होता है तो बुध ग्रह इस राशि नीच स्थिति में होता है । चन्द्रमा सूर्य व् मंगल के लिए ये एक मित्र स्थान है जबकि मेष राशि वाले व्यक्ति के लिए ये राशि शुभ परिणाम दायक नहीं होती है अगर मंगल इसमें स्थित होता है शनि के लिए ये शत्रु स्थान है ।
मीन राशि द्विस्वभाव जल तत्व, स्त्री गन वाली राशि होती है इस राशि में पूर्व भाद्रपद का चतुर्थ चरण , उत्तराभाद्रपद के चारो चरण, व् रेवती नक्षत्र के भी चारो चरण शामिल होते है। इस राशि के चिन्ह एक दुसरे से विपरीत दिशा में मुंह किये हुए दो मछलिया होती है।

शारीरिक गठन
सामान्य से काम ऊँचा शरीर होता है , परन्तु मोटापा लिए हुए शारीरिक गठन होता है बड़ी उभरी हुई आँखे मुलायम बाल होते है हाथ पैर काम लम्बे परन्तु मजबूत होते है।
मनोवृत्ति
ाधने के अवसरों को धार्मिक व् दार्शिनक स्वाभाव , दब्बू व्यक्तित्व अपने सपनो में खोए रहना प्रेम की कल्पना में रहना दुसरे लोगो से शीघ्र ही प्रभावित हो जाते है। अपनी सज्जनता के कारन जीवन में आगे बढ़ने के अवसरों को गँवा बैठते है।
सामान्य चरित्र
पुरानी प्रथाओ व् रूढ़ियों पर चलने वाले परम्परावादी लेकिन इन प्रथा को मैंने से दर भी लगता है। किसी भी समस्या पर गंभीरता से विचार करने से पूर्व निर्णय पर पहुँचने की आदत होती है।dviswabhav राशि होने के कारण परिस्थितिया बदल जाने पर विचार भी बदल लेते है।
धार्मिक परम्परा पर विश्वास रखते है। अहिंसा वादी होते है। दूसरो को कष्ट नहीं देना चाहते है। विचारो में स्थिरता न रहने के कारण जीवन में सफलता काम कील पाती है। ऐसे व्यक्ति अपनी आकंशो को व्यक्त नहीं करते है व् दूसरो पर निर्भर रहने में भी संकोच नहीं करते है।
इतिहास व् पौराणिक कथाओ के अध्ययन में विशेष रूचि रखते है। आत्म विश्वास का आभाव वाले होते है और मितव्ययी होते है। दूसरो के भले की भावना इनमे होती है स्वयं भले ही आगे बढ़ कर किसी की सहायता न करे लेकिन और के सहायता मांगने पर पीछे भी नहीं हटते है ।
ऐसे लोगो की मादक पदार्थो के सेवन से बचकर रहना चाहिए । एड़ी व् पैरो में रोगो के होने की आशंका रहती है। पाचन तंत्र व् गैस सम्बन्धी रोग भी हो सकते hai.मीन राशि के लिए गुरु, मंगल और रविवार श्रेष्ठ दिन हैं। लाल, पीला, गुलाबी और नारंगी रंग शुभदायी हैं। एक, चार, तीन और नौ अंक शुभ हैं।