नारायण या sidereal एक का सम्बन्ध भगवान से है तो दूसरे का समय अथवा time से.
भगवान

धार्मिक मान्यताओं में हम हिंदू लोग पूर्व काल में नारायण शब्द का प्रयोग अधिकाधिक करते थे। पूर्व काल में यह शब्द भगवान के लिए सर्व लोक प्रिय हुआ करता था।
विशेष इसे धार्मिक ग्रंथकारों ने नारद जोकि देवताओं के वर्ग से हैं के मुख से अधिक उच्चारित करवाया गया है।
लोग पहले भगवान का नाम लेने के लिए अनेक युक्तियों का इस्तेमाल करते थे। वे अपने बच्चों का नाम नारायण रख देते थे, जिससे बार बार लोगों के मुख से बच्चे के साथ साथ भागवान का नाम भी निकले जिससे भक्ति भाव और नारायण जप साथ ही साथ हो जाता था।
इसके अलावा लोग अपने घरों के दरवाजों का नाम भी नारायण द्वारा रख दिया करते थे।और भी व्यापक तरीको का वे लोग लोक मर्यादा में इस्तेमाल करते थे जैसे नारायण नगर, नारायण पुर, नारायण ग्राम, आदि आदि।
नारायण या sidereal
ज्योतिषी घर में आई विपदाओं को टालने के लिए यजमानों कोे नारायण नाम का जाप करने की सलाह देते हैं, ये जप हजारो लाखों की संख्या में करने का सुझाव ज्योतिषियों के द्वारा यजमानों को दिया जाता रहा है। बाकी इसके कोई ज्योतिषिय आधार ज्योतिष में नहीं हैं।
सांपातिक काल sidereal Time
पृथ्वी अपनी धुरी पर जितने समय में एक परिक्रमा पूरी करती है, उस समय को ‘साइडरियल टाइम’ कहते हैं।
यह समय दिन रात के मान में अंतर होने के कारण सदा सही चैाबीस घंटे नहीं होता है। साइडरियल टाइम की सही सही जानकारी हमें उक्त (Tables of Ascendants) से मिल सकती हैं। वहाँ पर इस प्रयोजन के लिए कई सारिणियाँ पृष्ठ 2 व पृष्ठ 3 पर दी गई है। जिनकी सहायता से हम सही जन्मकालीन स्थानीय साइडरियल टाइम;How we make our kundali our self
नारायण या sidereal
सकते हैं। इसके लिए मामूली जोड़ घटा की जरूरत पड़ती है। इसे निकालने की विधि तो हम आगे बता रहे, (अपने पोस्ट के यू आर एल द्वारा ) किंतु यदि आप चाहे तथा समय कम हो तो ऐफेमेरीज में भी प्रतिदिन का सामपातिक काल दिया रहता है, जो उस दिन का 12 बजे का मधयम काल (Mean sidereal Time) है। उसे स्पश्ट करना भी बहुत सरल होता हैं इससे थोडे़ समय की बचत हो जाएगी। सिडेरियल काल काल निकालने से पहले हमें स्थानीय मध्यम समय ;स्वबंस उमंद जपउमद्ध निकाल लेना चाहिए।