
ज्योतिषीय विवरण में 12 राशियों का वर्णन मिलता ही जिनमे से एक तुला राशि भी है, यहाँ आपको इसके पक्ष में ज्ञान मिलेगा.
कैसी है तुला राशि— ये राशि 180 डिग्री से 210 डिग्री तक पेट पर रहती हैं, उतनी ही डिग्री उस पर प्रभाव डालती हैं। अंग्रेजी में इसे ‘लिब्रा’ libra कहते हैं। यह राशि 5 घटी 14 पल की होती है। इसके अंतर्गत चित्रा नक्षत्र के तीसरे व चोथे चरण ,स्वाती, विशाखा नक्षत्र के प्रथम तीन चरण तुला राशि में आते है।
इस राशि के 10 अंश पर सूर्य नीच होता है व शनि 20 अंश पर उच्च स्थिति को प्राप्त होता है। साथ ही तुला के 20 अंश पर होने के कारण शनि केा अत्यंत बलशाली मान प्राप्त होता है।
चंद्र मंगल गुरू के लिए तुला राशि शत्रु राशि है। अतः ये ग्रह यदि तुला राशि में आ जाए तो बलहीन हेा जाते है। बुध के लिए यह मित्र स्थान है। अतः तुला में बुध बलशाली हो जाता है।
इस राशि का चिंह हाथ में वस्तुओं को तोलते हुए सीधी दंडी की तुला लिये हुए मनुष्य है।
कैसी है ये राशि?– इस राशि.को विषम राशि कहते हैं। इसका स्वामी शुक्र ग्रह होता है। शुक्र तुला राशि में 1 से 10 अंश तक मूल त्रिकोण में रहता है। इसका अर्थ यह कि शुक्र इन अंशो में होने पर उच्च स्थिति से कम स्तर पर होता है।
इस पर सूर्य 29 दिन 57 घटी तथा 25 पल तक रहता है।
कैसी है ये राशि?—यह राशि पुरूष जाती, चर संज्ञक, अल्प संतान वाली होती हैं। श्याम वर्ण, वायुतत्व, पश्चिम दिशा की स्वामिनी है।
इसका प्रकृतिक स्वभाव विचारवान है। ज्ञान चिन्तन, कार्य सम्पादन एवं कुशल राजनीतिज्ञता है।
इससे नाभि के नीचे के अंगों पर विचार किया जाता है। शरीर लम्बा, रंग साफ, चैड़ा चेहरा, मधुर मुस्कान, सुन्दर आँखें, चैड़ा सीना हाथ-पैर लम्बे परन्तु सुदृढ़ होता है।
मनोवृत्ति-
तुला राशि. वाला आदर्श वादी त्वरित बुद्धि वाला, अपनी बात पर बल देने वाला, सकारात्मक विचार वाला होता है।
मानसिक संतुलन किसी से भी पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होता है।—सामान्य चरित्र-
इस राशि. वाला न्याय प्रिय, शांति प्रिय स्वभाव का होता है। महत्वाकांक्षी लेकिन व्यावहारिकता के स्थान पर आदर्शवाद को महत्व देने वाला होता है। अपने विचार पर चलने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होता है।
राशि. वालों को इस बात की परवाह नहीं होती कि अन्य लोग उनके बारे में क्या बात कर रहे हैं।
राजनीतिक नेता व धर्म गुरू के रूप में ये व्यक्ति जन सामान्य पर अपना विशेष प्रभाव रखते हैं।
राशि. वालें स्वस्थ आलोचना पसंद करते हैं। परन्तु किसी विषय पर कटु बहस से बचते हैं। राशि वाले जीवन के प्रति प्रेम सदभाव रखने वाले होते हैं। मानव स्वभाव कोे समझने की क्षमता होती है। अन्य व्यक्तियों को कष्ट न पहुंचाने की मनोवृत्ति होती है।
अच्छे स्वच्छ कपड़े व अच्छे रहन सहन की मनोवृत्ति वाले होते हैं।
तुला राशि. वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य सामान्यतः अच्छा रहता है। परंतु यदि लग्न कुंडली में विपरीत प्रभाव छठे भाव में (शुक्र) हैं तो किडनी व जननेंद्रीय संबंधि बीमारी हो सकती है।
–अब यहाँ अंत में यह बताए हुए गर्व होता है की चाहे सत युग में राम तुला राशी वाले हुए हो या भारत के प्रथम राष्ट्रपति rajender प्रसाद या राहुल गाँधी चाहे वास्तव में कुंडली में उनकी राशि जो भी रही हो लेकिन कही न कही नाम के आरम्भ में ‘र ‘ अक्षर के आने से तुला राशी से प्रभावित जरुर कहे जाएँगे. यही नहीं परम गुरु “रामकृष्ण परम हंस” जिनके कारन विवेकानंद जी को विश्व में ख्यति मिली भी तुला राशी प्रभावी व्यक्ति रहे है. आगे आने वाले समय में न जाने कितने और तुला राशि प्रभावित महान लोग इस भारत भूमि को गोरान्वित करेंगे.